17 जनवरी 10 को राज्य प्रलेस कार्यालय- केदार भवन, पटना में काव्य-पाठ का अवसर मिला, जिसकी चर्चा दैनिक जागरण, पंजाब केसरी एवं आज आदि समचार पत्रों में की गयी। कवि शहंशाह आलम एवं योगेन्द्र कृष्णा की उपस्थिति तथा कड़ाके की ठंढ. में श्रोताओं की मौजुदगी ने पटना की साहित्यिक गर्मी का बेहतरीन एहसास कराया.....प्रस्तुत है ‘जब हम मारे जायेंगे’ शीर्षक कविता की कुछ पंक्तियाँ-
.....हम किसी कोमल और
मुलायम स्वप्न देखने के जुर्म में
मारे जायेंगे
जब हम मारे जायेंगे
तब शायद हमारे लिए
सबसे अधिक रोयेगा
वह बच्चा
जो हमारे खतों को
पहुँचाने के एवज में
टाफी पाता था।
1 टिप्पणी:
badhaai........
एक टिप्पणी भेजें