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शनिवार

जन - बातों को समग्रता से समेटने की सार्थक पहल है ‘प्रसंग’ का संस्मरण अंक


‘प्रसंग’ के इस अंक में प्रतिष्ठित लेखकों ने विभिन्न तरह की स्मृतियों को रचनात्मक वाणी दी है। शताब्दी पूरा करने वाले अपने दिवंगत महान रचनाकारों  में राधाकृष्ण, उपन्द्रनाथ अश्क, शमशेर, नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल, फादर कामिल बुल्के और तेलगु के महाकवि श्री श्री के रचनात्मक व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया गया है। अंक में गोपाल सिंह नेपाली और फैज अहमद फैज़ की कविताए हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर की डेढ़ सौवीं जयन्ती के अवसर पर उनकी अति विशिष्ट कविता का शब्दान्तर प्रस्तुत है। साहित्य को नयी दृष्टि और दिशा देने वाले त्रिलोचन, अज्ञेय, राजकमल चैधरी, गोरख पाण्डेय, महेश्वर, भवानी प्रसाद मिश्र, कुँवरपाल सिंह और मार्कण्डेय जैसे कई शख्सियतों का मूल्यांकन एवं संस्मरण साहित्य पर आलेख हैं साथ ही मरुधर मृदंल, विजय बहादुर सिंह और वीर भारत तलवार से समकालीन रचनाधर्मिता पर बातचीत से अंक समृद्ध है। प्रसंग, पृ. 418. मूल्य- 50/ संपादक- शम्भू बादल, सूरज-घर, जबरा रोड, कोर्रा, हजारीबाग- 825301. झारखंड, मोबाइल- 09931182570.

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