भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) के महासचिव कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी का आकस्मिक निधन प्रगतिशील-जनवादी लेखकों-संस्कृतिकर्मियों के लिए एक स्तब्धकारी सूचना है. आगरा-निवासी रघुवंशी जी को स्वाइन फ्लू की शिकायत पर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां 48 घंटे के अन्दर उनका निधन हो गया.
कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी सीपीआई के सदस्य थे और लम्बे अरसे से इप्टा के कामकाज से जुड़े हुए थे. इप्टा के माध्यम से गाँवों तक नाटकों को ले जाने और ग्रामीण कलाकारों को आगे बढाने का काम उन्होंने बहुत गंभीरता से किया. अनेक कलाकारों ने उनकी देखरेख में अपने कलाकर्म को निखारा. आगरा शहर में, जहां वे रहते थे, हर गर्मियों में बच्चों के लिए ‘चिल्ड्रेन्स इप्टा’ के नाम से पखवाड़े भर की एक कार्यशाला आयोजित करते थे. वे आगरा के बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अंतर्गत के ऍम इंस्टिट्यूट में विदेशी भाषा विभाग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो चुके थे. अपनी निरंतर सक्रियता के कारण वे नाट्यकर्मियों और लेखकों के बीच सामान रूप से प्रेम और आदर के पात्र बने हुए थे.
जनवादी लेखक संघ कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है. उनका जाना साम्प्रदायिक ताक़तों और अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटने वाले संकीर्णतावाद के उभार के इस दौर में एक बड़ी क्षति है.
मुरली मनोहर प्रसाद सिंह
(महासचिव)
संजीव कुमार
(उप-महासचिव)
जनवादी लेखक संघ
कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी सीपीआई के सदस्य थे और लम्बे अरसे से इप्टा के कामकाज से जुड़े हुए थे. इप्टा के माध्यम से गाँवों तक नाटकों को ले जाने और ग्रामीण कलाकारों को आगे बढाने का काम उन्होंने बहुत गंभीरता से किया. अनेक कलाकारों ने उनकी देखरेख में अपने कलाकर्म को निखारा. आगरा शहर में, जहां वे रहते थे, हर गर्मियों में बच्चों के लिए ‘चिल्ड्रेन्स इप्टा’ के नाम से पखवाड़े भर की एक कार्यशाला आयोजित करते थे. वे आगरा के बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अंतर्गत के ऍम इंस्टिट्यूट में विदेशी भाषा विभाग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो चुके थे. अपनी निरंतर सक्रियता के कारण वे नाट्यकर्मियों और लेखकों के बीच सामान रूप से प्रेम और आदर के पात्र बने हुए थे.
जनवादी लेखक संघ कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है. उनका जाना साम्प्रदायिक ताक़तों और अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटने वाले संकीर्णतावाद के उभार के इस दौर में एक बड़ी क्षति है.
मुरली मनोहर प्रसाद सिंह
(महासचिव)
संजीव कुमार
(उप-महासचिव)
जनवादी लेखक संघ