एक छोटी-सी, साहित्यिक यात्रा...
जनकवि बाबा नागार्जुन के जन्मदिवस पर दरभंगा से मिले आमंत्रण के क्रम में पटना से कवि शहंशाह आलम के साथ मुजफ्फरपुर पहुँचा, वहां प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा कवयित्री पूनम सिंह के आवास पर हमलोगों के सम्मान में काव्य-संध्या का आयोजन रखा गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ आलोचक डा


दूसरे दिन दरभंगा के ऎतिहासिक राज मैदान में, जहाँ पुस्तक मेले का भी आयोजन था, अपराह्न ३ बजे बाबा नागार्जुन को समर्पित संगोष्ठी एवं कविगोष्ठी का आयोजन रखा गया मुख्य वक्ताः डा.रामाकान्त मिश्र (दरभंगा) एवं डा. अरुण कुमार (राँची) ने बाबा नागार्जुन के साहित्यिक सफ़र पर मह्त्वपूर्ण व्याख्यान दिये फ़िर कविगोष्ठी में आमंत्रित कवियों- शहंशाह आलम(पटना), पूनम सिंह, रश्मि रेखा, रमेश ॠतम्भर, पुष्पागुप्त (मुजफ्फरपुर) अरविन्द श्रीवास्तव(मधेपुरा) अरुण नारायण(पटना) ने काव्य-पाठ किया. तीन घंटे तक चले आयोजन का समापन शोभाकान्तजी ने धन्यवाद ज्ञापन से किया ।
प्रस्तुति -अरविन्द श्रीवास्तव, मधेपुरा
4 टिप्पणियां:
Baba Nagarjun ka Janmdivas itni khamoshi se gujar gaya pata bhi nahin chala. Unhe mera bhi naman.
achhi jaankari...badhai
aapki sahityik yatra padhkar kafi jaankari mili,achha laga
नागार्जुन जी के जनम दिन पर काव्य पाठ के लिए आपको हार्दिक बधाई .......!
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