Kostenlose Uhr fur die Seite website clocks

मंगलवार

एक मृत सर्प का बयान


मारा गया मुझे
खदेड़ कर
घेर कर

मारा गया मुझे
बीहड़ों में
पुलिस मुठभेड़-सा
सड़कों पर किसी दुर्घटना-सा
घरों में स्टाइल बदल-बदल कर
मारा गया मुझे

मरते वक्त सुना मैने
शस्त्र सज्जित मेरे हत्यारे
कह रहे थे-
यह खतरनाक जाति का है
बिल्कुल विषैली प्रजाति का है !

- अरविन्द श्रीवास्तव, मधेपुरा

7 टिप्‍पणियां:

Prakash Badal ने कहा…

बहुत ही सुन्दर कविता। आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा ) ने कहा…

एक साँप के अहसास के लिए
जिन्दा बाते कही है आप ने
अच्छा लगा
आप को होली मुबारक हो

sandhyagupta ने कहा…

Kavita achchi lagi.

Holi ki hardik shubkamnayen.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

Bhot acchi rachna...!!

Prakash ji , bhang to nahi chdha rakhi hai jo holi diwali jaisi lagne lagi...???

रात के खिलाफ ने कहा…

प्रिय भाई,
आपकी रचनाएँ अच्छी हैं.यह कविता भी.
बधाई.
मेरे ब्लॉग ' रात के खिलाफ़ 'को समर्तःन देने के लिए भी बहुत-बहुत धन्यवाद.
आपके सुझावों एवं मार्गदर्शन की
प्रतीक्षा रहेगी.
सप्रेम आपका साथी
अरविन्द कुमार

Sushil Kumar ने कहा…

खूबसूरत रचना।

neera ने कहा…

टिपण्णी के लिए शुक्रिया इस कारण मुझे भी
मौत पर लिखी अच्छी कवितायें पढने को मिली...

Related Posts with Thumbnails