तूलिका के धनी मकबूल फिदा हुसैन मानवीय रचनात्मकता, परंपरा तथा आधुनिकता के सेतु थे। हुसैन ने बौद्ध काल के बाद से छूटी हुई कला की कडिय़ों को जोडऩे का प्रयास किया था। रामायण मेलों के लिए हजारों चित्र बनाये थे। हुसैन सर्वधर्म समभाव और गंगा जमुनियत के प्रतीक थे। कवि मुक्तिबोध की यात्रा से लौटकर उन्होंने चप्पलें पहनना छोड़ दिया और अंत तक इस प्रतिज्ञा को निभाया...
विश्व प्रसिद्ध चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन की यादों को समर्पित कविता-संग्रह (पुस्तक) हेतु कविताएँ सादर आमंत्रित:-
अपनी दो कविताएँ इस संग्रह में प्रकाशनार्थ भेज सकते हैं।
अन्तिम तिथि - 15 जुलाई 2011.
पताः राजेन्द्र शर्मा, जेड-320, सेक्टर-12, नोएडा (उ.प्र.)
मोबाइल- 09891062000.
e.mail- pratibimb22@gmail.com
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