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शुक्रवार

हबीब तनवीर ने कहा था - एक निबाला कम खाओ, ताकि याद रहे कि भूख किस चीज को कहते हैं, भूख कैसा होता है?

कालजयी रंगयोद्धा हबीब तनवीर के साथ
 अरविन्द श्रीवास्तव

- हमारे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण कलाकारों को भात न मिले तो पेट ही नहीं भरता।  उनको रोटी एक बार न हो तो न सही लेकिन भात डटकर खायेंगे- अक्सर कम पड़ गया है 25-30 आदमियों के लिए जो चावल पकाया गया, तो दुबारा पकाया उन्होंने और उनको इन्तजार करना पड़ा है.... असल भूख नहीं होती, ओरल नीड होती है- मूँह चलाने की जरूरत। जब तक कि वे पेट भर न खायें, उनका काम नहीं चलता है। अब कम खाने वाले एलीट किस्म के, जो डाइट का सन्तुलन जानते हैं, वे कमोवेश कुछ चीजें डरते-डरते और कम खाते हैं। भूख को जरा-सा कम खाना मज़हब में भी आया है। ज़रा-सा भूख को कायम रखते हुए एक निबाला कम खाओ, ताकि याद रहे कि भूख क्या शह है, किस चीज़ को कहते है, भूख कैसा होता है? हमारे यहाँ सरकारों में अंधविश्वास है वो भूख को नहीं पहचानते, बिलो दि मार्जिन पावर्टी को नहीं जानते। वहाँ जाकर देखा नहीं उन्होंने। और चुनांचे इसीलिए ये परिर्वतन नहीं कर सकते अपनी तमाम नेकनीयती के बावजूद माइण्ड सेट ही रहता है। वे बेचारे मासूम, इनोसेन्ट हैं। उनको समझ में नही आता कि ये क्या हो रहा है। क्यों हमारे शाटर्स, इतने लोंग्स लोन्स,  इतनी योजनाएँ जो उद्धार के लिए है गरीबों के- इसके बावजूद क्यों इतना हैजीटेशन हो रहा है? क्यो आजादी महसूस नहीं कर रहे हैं?

6 टिप्‍पणियां:

Atul Shrivastava ने कहा…

ऐसी बातें उन्‍हें ही सूझती हैं जिनके पेट भरे होते हैं। मैं हबीब जी से जुडे ऐसे कई कलाकारों को जानता हूं जिन्‍हें एक निवाला कम खाने की बात तो दूर, निवाला ठीक से नसीब हो जाए जो बडी बात होती है उनके लिए। हबीब जी के साथ देश और विदेशों में मंच पर अपनी कला बिखेरने वाले और उनकी प्रस्‍तुतियों को प्रसिध्दि दिलाने में अहम योगदान देने वाले कई कलाकार आज अपना जीवन अभावों में बिता रहे हैं।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

हबीब साहब के विचारों से परिचय कराने का शुक्रिया।

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ब्‍लॉगवाणी: एक नई शुरूआत।

सुनील गज्जाणी ने कहा…

भाई साब
प्रणाम !
हमेशा भूखे को ही खाली पेट कैसा होता है , बटा ससकता है , और ये वोही सोच सकता है जो एस दौर से जौरा हूँ या , इतना गहरा सोच सकता हूँ जैसा आदरणीया हबीब साब सोचते थे ,
आभार ! जो इस प्रक्कार के अनमोल वचन से अवगत करवाया ,
सादर

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके विचार तो महान होते हैं, किन्तु जीवन महान नहीं होता....कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका जीवन तो महान होता है, विचार महान नहीं होते, किन्तु विरले ही कोई व्यक्ति मिलता है जिसके विचार और जीवन दोनों महान होते हैं, ऐसा ही एक व्यक्तित्व का नाम है हबीब तनबीर,
हबीब साहब के विचारों से परिचय कराने का शुक्रिया।

''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडल ने कहा…

bahut achchaa anubhaw.

''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडल ने कहा…

bahut achchaa anubhaw.

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