tag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post3121307079015034932..comments2023-10-07T16:29:49.712+05:30Comments on जनशब्द: हबीब तनवीर ने कहा था - एक निबाला कम खाओ, ताकि याद रहे कि भूख किस चीज को कहते हैं, भूख कैसा होता है?अरविन्द श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01248940700970757852noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-49901724887454371252011-02-11T18:31:52.216+05:302011-02-11T18:31:52.216+05:30bahut achchaa anubhaw.bahut achchaa anubhaw.''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडलhttps://www.blogger.com/profile/16471251362095496908noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-73705927790753346202011-02-11T18:31:09.824+05:302011-02-11T18:31:09.824+05:30bahut achchaa anubhaw.bahut achchaa anubhaw.''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडलhttps://www.blogger.com/profile/16471251362095496908noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-63965447207750471302011-02-11T18:28:40.759+05:302011-02-11T18:28:40.759+05:30कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके विचार तो महान होते हैं,...कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके विचार तो महान होते हैं, किन्तु जीवन महान नहीं होता....कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका जीवन तो महान होता है, विचार महान नहीं होते, किन्तु विरले ही कोई व्यक्ति मिलता है जिसके विचार और जीवन दोनों महान होते हैं, ऐसा ही एक व्यक्तित्व का नाम है हबीब तनबीर,<br />हबीब साहब के विचारों से परिचय कराने का शुक्रिया।रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-10124167770587722662011-02-11T15:39:37.691+05:302011-02-11T15:39:37.691+05:30भाई साब
प्रणाम !
हमेशा भूखे को ही खाली पेट कैसा हो...भाई साब<br />प्रणाम !<br />हमेशा भूखे को ही खाली पेट कैसा होता है , बटा ससकता है , और ये वोही सोच सकता है जो एस दौर से जौरा हूँ या , इतना गहरा सोच सकता हूँ जैसा आदरणीया हबीब साब सोचते थे ,<br />आभार ! जो इस प्रक्कार के अनमोल वचन से अवगत करवाया ,<br />सादरसुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-18815081483412990992011-02-11T11:41:13.430+05:302011-02-11T11:41:13.430+05:30हबीब साहब के विचारों से परिचय कराने का शुक्रिया।
...हबीब साहब के विचारों से परिचय कराने का शुक्रिया।<br /><br />---------<br /><b><a href="http://za.samwaad.com/2011/02/blog-post_10.html" rel="nofollow">ब्लॉगवाणी: एक नई शुरूआत।</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-20518569922745340392011-02-11T10:46:25.667+05:302011-02-11T10:46:25.667+05:30ऐसी बातें उन्हें ही सूझती हैं जिनके पेट भरे होते ...ऐसी बातें उन्हें ही सूझती हैं जिनके पेट भरे होते हैं। मैं हबीब जी से जुडे ऐसे कई कलाकारों को जानता हूं जिन्हें एक निवाला कम खाने की बात तो दूर, निवाला ठीक से नसीब हो जाए जो बडी बात होती है उनके लिए। हबीब जी के साथ देश और विदेशों में मंच पर अपनी कला बिखेरने वाले और उनकी प्रस्तुतियों को प्रसिध्दि दिलाने में अहम योगदान देने वाले कई कलाकार आज अपना जीवन अभावों में बिता रहे हैं।Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.com