मारा गया मुझे
खदेड़ कर
घेर कर
मारा गया मुझे
बीहड़ों में
पुलिस मुठभेड़-सा
सड़कों पर किसी दुर्घटना-सा
घरों में स्टाइल बदल-बदल कर
मारा गया मुझे
मरते वक्त सुना मैने
शस्त्र सज्जित मेरे हत्यारे
कह रहे थे-
यह खतरनाक जाति का है
बिल्कुल विषैली प्रजाति का है !
- अरविन्द श्रीवास्तव, मधेपुरा
खदेड़ कर
घेर कर
मारा गया मुझे
बीहड़ों में
पुलिस मुठभेड़-सा
सड़कों पर किसी दुर्घटना-सा
घरों में स्टाइल बदल-बदल कर
मारा गया मुझे
मरते वक्त सुना मैने
शस्त्र सज्जित मेरे हत्यारे
कह रहे थे-
यह खतरनाक जाति का है
बिल्कुल विषैली प्रजाति का है !
- अरविन्द श्रीवास्तव, मधेपुरा
7 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर कविता। आपको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
एक साँप के अहसास के लिए
जिन्दा बाते कही है आप ने
अच्छा लगा
आप को होली मुबारक हो
Kavita achchi lagi.
Holi ki hardik shubkamnayen.
Bhot acchi rachna...!!
Prakash ji , bhang to nahi chdha rakhi hai jo holi diwali jaisi lagne lagi...???
प्रिय भाई,
आपकी रचनाएँ अच्छी हैं.यह कविता भी.
बधाई.
मेरे ब्लॉग ' रात के खिलाफ़ 'को समर्तःन देने के लिए भी बहुत-बहुत धन्यवाद.
आपके सुझावों एवं मार्गदर्शन की
प्रतीक्षा रहेगी.
सप्रेम आपका साथी
अरविन्द कुमार
खूबसूरत रचना।
टिपण्णी के लिए शुक्रिया इस कारण मुझे भी
मौत पर लिखी अच्छी कवितायें पढने को मिली...
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