tag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post519413806713834222..comments2023-10-07T16:29:49.712+05:30Comments on जनशब्द: कविता कभी मरेगी नहीं, अपनी भूमिका खुद तय करेगी- अरुण कमलअरविन्द श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01248940700970757852noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-83930561357256987712009-11-11T17:01:03.461+05:302009-11-11T17:01:03.461+05:30भाई अरविंद श्रीवास्तव को उनके संग्रह के लिए बधाई....भाई अरविंद श्रीवास्तव को उनके संग्रह के लिए बधाई. प्रस्तुत कवितांश शेष कविताओ के प्रति भी उम्मीद जगाता है.प्रदीप जिलवानेhttps://www.blogger.com/profile/08193021432011337278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7001993692021220843.post-90936468689877680942009-11-09T05:42:46.180+05:302009-11-09T05:42:46.180+05:30"अफसोस के लिये कुछ शब्द ".. इस कविता संग..."अफसोस के लिये कुछ शब्द ".. इस कविता संग्रह के लिये भाई अरविन्द श्रीवास्तव को और आयोजन के लिये आपको बहुत बहुत बधाई । यह कविता भी बहुत अच्छी लगी । अरुण कमल जी ने ठीक ही कहा है । अब इस कठिन समय में नई स्थितियों और नये बनते जा रहे समीकरणों के फलस्वरूप नये विषय बनते जा रहे हैं , जो अबसे पहले नहीं थे । उन सभी पर लिखा जाना चाहिये । <br />--शरद कोकास <br />http://sharadkokas.blogspot.com<br />http://kavikokas.blgspot.comशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com